जैसा की आपको भी पता होगा की बिहार में शिक्षक नियोजन का प्रक्रिया 2019 से ही सुरू हो चुका है, आवेदन भी ले लिया गया है, और कुछ जिलों का फ़ाइनल मेरिट लिस्ट भी आ चुका है, लेकिन जब बिहार शिक्षक नियुक्ति का आवेदन लिया जा रहा था, तो उस समय जीतने भी परीक्षार्थी NIOS से D.el.ed किए थे, वैसे परीक्षार्थी आवेदन नहीं कर पाएँ थे , इसलिए बिहार बोर्ड के तरफ से एक बार फिर से आवेदन लेना स्टार्ट किया जाएगा, लेकिन सिर्फ वैसे अभियार्थी के लिए जो NIOS से Deled का Cource Complete किए है ! और उनके लिए Reshedule जारी किया गया है ! जो की कुछ इस प्रकार है !
- 15 जून 2020 से 14 जुलाई 2020 तक आवेदन कर सकते हैं।
- 18 जुलाई तक मेधा सूची तैयार होगी।
- 21 जुलाई तक नियोजन समिति द्वारा मेधा सूची का अनुमोदन होगा। 23 जुलाई को मेधा सूची का प्रकाशन होगा।
- 24 जुलाई से 7 अगस्त तक मेधा सूची पर आपत्ति की जा सकेगी।
- 12 अगस्त तक मेधा सूची का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा।
- 13 से 22 अगस्त के बीच जिला द्वारा पंचायत एवं प्रखंड की मेधा सूची का अनुमोदन होगा,
- जबकि 25 अगस्त को नियोजन इकाइयों द्वारा मेधा सूची का सार्वजनीकरण किया जाएगा।
- 28 अगस्त को आवेदन के साथ संलग्न सेल्फ अटेस्टेड प्रमाण पत्रों का मूल प्रमाण पत्र से मिलान एवं चयन सूची का निर्माण,
- जबकि 31 अगस्त को चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच कर नियोजन पत्र दिया जाएगा।
बिहार के शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन का संशोधित शेड्यूल जारी कर दिया है। जिन उम्मीदवारों ने 18 महीने का D.El.Ed प्रोग्राम, टीईटी परीक्षा या केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं, वो नियोजन के लिए 15 जून से 14 जुलाई तक ही आवेदन कर सकते है|
क्या था मामला
आपको बता दें कि पिछले साल
अगस्त में बिहार सरकार ने 94000 प्रारंभिक शिक्षकों की
भर्ती के लिए नोटिफेशन जारी किया था। प्रक्रिया शुरू होते ही 18 महीने की डीएलएड प्रोग्राम करने
वाले उम्मीदवारों की पात्रता को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। दरअसल यह विवाद तब
शुरू हुआ,जब बिहार राज्य सरकार की ओर से निकाली
गई 94
हजार प्रारंभिक शिक्षकों की
भर्ती में एनआइओएस से इस कोर्स को करने वाले प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने भी
आवेदन किया। इसके बाद राज्य सरकार ने एनसीटीई से पूछा गया कि क्या एनआइओएस से 18 महीने का डीएलएड करने वाले भी
शिक्षक भर्ती के लिए योग्य है? जिसके जबाव में केंद्र
सरकार से जुड़ी इस संस्था ने 18 महीने के इस डीएलएड कोर्स
को इसके लिए अमान्य करार दे दिया था। जिसके बाद निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले यह
सभी शिक्षक पटना हाईकोर्ट पहुंचे। इस बीच कोर्ट ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को
गलत बताते हुए इन सभी को शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के योग्य करार दे
दिया।
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