*सिन्धु सुदर्शन : भारतीय सेना राजस्थान में करेगी अभ्यास का आयोजन
भारतीय थल सेना राजस्थान के मरुस्थल में ‘सिन्धु सुदर्शन’ नामक अभ्यास का आयोजन करेगी, यह अभ्यास 29 नवम्बर से 4 दिसम्बर, 2019 के बीच आयोजित किया जायेगा। इस अभ्यास में 40,000 जवान हिस्सा लेंगे। इस अभ्यास में भारतीय थल सेना तथा भारतीय वायुसेना के बीच तालमेल का प्रदर्शन किया जायेगा।
सिन्धु सुदर्शन
इस अभ्यास में सेना द्वारा मरुस्थलीय परिवेश में स्ट्राइक कोर की ऑपरेशनल कुशलता का मूल्यांकन किया जाएगा, इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना सैनिकों की एयरलिफ्टिंग तथा लक्ष्य को नष्ट करने का कार्य करेगी। इस दौरान सिमुलेटेड युद्ध परिस्थितयों में युद्ध का अभ्यास किया जाएगा। इस अभ्यास में सर्विलांस तथा विनाशक मैकेनिज्म का परीक्षण किया जायेगा।
*ओजोन छिद्र का सबसे छोटा आकार दर्ज किया गया
नासा के अनुसार हाल ही में दक्षिणी ध्रुव में ओजोन छिद्र के सबसे छोटे आकर को दर्ज किया गया है। वर्ष 2006 में जब ओजोन छिद्र की खोज हुई थी, तब इसका आकार 10.3 मिलियन वर्ग मील था। ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक अब इस ओजोन छिद्र का आकर 3.6 मिलियन वर्ग मील दर्ज किया गया है। प्रतिवर्ष सितम्बर व अक्टूबर में ओजोन छिद्र अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचता है तथा दिसम्बर के अंत तक गायब हो जाता है।
ओजोन परत
ओजोन परत गैस की एक सुरक्षा परत है, यह पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। इस परत में ओजोन (O3) की काफी अधिक मात्रा पायी जाती है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन, हेलॉन तथा कार्बनटेट्राक्लोराइड जैसे तत्त्व ओजोन परत के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं।
मोंट्रियल प्रोटोकॉल
यह एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, इसे ओजोन परत के संरक्षण के लिए बनाया गया था। इस संधि पर 26 अगस्त, 1987 को कनाडा के मोंट्रियल में सहमती प्रकट की गयी थी, यह संधि 26 अगस्त, 1989 से लागू हुई थी। इस संधि के बाद मई, 1989 में हेलसिंकी में एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में क्लोरोफ्लोरोकार्बन, CTC हेलॉन, मिथाइल ब्रोमाइड, मिथाइल क्लोरोफॉर्म तथा कार्बनटेट्राक्लोराइड को कम करने पर चर्चा की गयी थे। इस प्रस्ताव के विश्व भर के 197 देशों द्वारा पारित किया गया था। यह संधि काफी सफल भी रही है।
ओजोन परत संरक्षण के लिए विएना सम्मेलन
यह एक बहुराष्ट्रीय समझौता है, इस पर 1985 में सहमती प्रकट की गयी थी और यह 1988 में लागू हुआ था। इस 197 सदस्य देशों द्वारा पारित किया गया है। यह ओजोन परत की संरक्षण के लिए एक फ्रेमवर्क के रूप में कार्य करता है। परन्तु इस समझौते में ओजोन परत को नष्ट करने वाले कारकों को कम करने के सम्बन्ध में कोई व्यवस्था नहीं की गयी है।
*दीपिका पादुकोण और पी.वी. सिन्धु को ‘भारत की लक्ष्मी’ पहल के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया
दीपिका पादुकोण और पी.वी. सिन्धु को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नई पहल ‘भारत की लक्ष्मी’ पहल के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है।
‘भारत की लक्ष्मी’ पहल क्या है?
यह प्रधानमंत्री मोदी की पहल है, इसका उद्देश्य देश भर में महिलाओं द्वारा किये गये सराहनीय कार्य को दिवाली के उत्सव पर देश के सामने लाना है। इस पहल के द्वारा महिला सशक्तिकरण बल दिया जायेगा तथा उन सभी महिलाओं के कार्यो को सराहा जाएगा जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन उपलब्धियां हासिल की हैं।
महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रमुख योजनायें
- महिला ई-हाट : यह महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा लांच किया गया डायरेक्ट ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म है।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ : यह महिला व बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है।
- वन स्टॉप सेंटर स्कीम : इसे ‘सखी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- वर्किंग वीमेन हॉस्टल
- स्वधार गृह : इसे 2002 में महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया, यह मुश्किल में महिलाओं के पुनर्वास के लिए है।
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